शान्ति-कपोत के पंखों की तरह खड़ी हो तुम अडिग कैसे मर सकती हो तुम, सदा को ! शान्ति-कपोत के पंखों की तरह खड़ी हो तुम अडिग कैसे मर सकती हो तुम, सदा को !
हम तो तेरे प्यार में खोए, दुनिया से बेगाने भटक रहे हैं बुनते रहते मिलन के ताने बाने हम तो तेरे प्यार में खोए, दुनिया से बेगाने भटक रहे हैं बुनते रहते मिलन के तान...
क्यों चली गई तुम इस तरह मुझे मझधार में छोड़कर ? छिपा कर रखे हुए इन आँसुओं को अब मैं रोकूँगा कैसे ? क्यों चली गई तुम इस तरह मुझे मझधार में छोड़कर ? छिपा कर रखे हुए इन आँसुओं को अ...
दर्द मेरा तुम अब जानोगी कैसे ? मुझको अपना अब मानोगी कैसे ? तुम्हारे लिए तो मैं अब भी दर्द मेरा तुम अब जानोगी कैसे ? मुझको अपना अब मानोगी कैसे ? तुम्हारे लिए तो...
तुम मुझसे अलग कहाँ तुम मुझसे अलग कहाँ
आवाज़ आग भी तो हो सकती है आवाज़ आग भी तो हो सकती है